राजेश कुमावत, indireporter.com
मलखंभ खिलाड़ियों के साथ अन्याय के खिलाफ आत्मदाह की चेतावनी
जयपुर, राजस्थान
राष्ट्रीय रेफरी और कोच गोपाल मेहर सिसोदिया ने हाल ही में राजस्थान ओलंपिक के दौरान हुई धांधली और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ हुए अन्याय को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
सिसोदिया ने बताया कि 11 जनवरी को जयपुर में आयोजित ट्रायल्स में चहेते और रिश्तेदारों को प्राथमिकता दी गई, जबकि राष्ट्रीय स्तर की होनहार खिलाड़ी, इशिका नागर, खुशबू नागर और जाह्नवी कोर, को बाहर कर दिया गया। ये तीनों खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुकी हैं और भारत की टॉप-8 खिलाड़ियों में शामिल हैं।
इशिका नागर: 37वें नेशनल गेम्स में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी, जिन्होंने उज्जैन की टॉप-8 ऑल राउंड टीम चैंपियनशिप में चौथा स्थान प्राप्त किया।
खुशबू नागर: 36वें और 37वें नेशनल गेम्स में पदक विजेता और अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन।
जाह्नवी कोर: एसडीएफआई की प्रतियोगिता में राजस्थान की टीम को चौथे स्थान पर पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ट्रायल्स में अयोग्य व्यक्तियों को निर्णायक के रूप में नियुक्त किया गया, जैसे कौशल्या चौधरी, जो मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया की मान्यता प्राप्त कोच नहीं हैं।
सिसोदिया का कहना है कि योग्य खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर, जिला स्तर पर भी प्रदर्शन न कर पाने वाले खिलाड़ियों का चयन किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया में पैसों और रिश्तेदारी का खेल हुआ है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से अपील
सिसोदिया ने पूर्व ओलंपियन और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से इस मुद्दे पर ध्यान देने और खिलाड़ियों को न्याय दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा, “एक खिलाड़ी की 8-15 साल की मेहनत को मिट्टी में मिलाने का अधिकार किसी को नहीं है।”
आंदोलन की चेतावनी
सिसोदिया ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को न्याय नहीं मिला, तो वे 15 जनवरी को जयपुर में विधानसभा के सामने आत्मदाह करेंगे। उन्होंने यह कदम उठाने का उद्देश्य बताया कि इससे अधिकारियों और समाज की आंखें खुलेंगी।
खेल जगत और समाज से अपील
उन्होंने नागर समाज और खेल जगत से इन होनहार खिलाड़ियों के समर्थन में खड़े होने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह केवल नागर समाज की नहीं, बल्कि हर खिलाड़ी और हिंदू समाज की बात है।”
गोपाल मेहर सिसोदिया ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार और अन्याय के कारण ही भारत खेलों में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाता। उन्होंने सरकार और खेल अधिकारियों से ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपील की।