गगन मिश्रा, indireporter.com
भरत मुनि स्मृति दिवस के अवसर पर महाकवि भास के संस्कृत में लिखे नाटक ” कर्णभारम” के हिंदी भाषा में जवाहर कला केन्द्र में हुआ सफल मंचन
जयपुर । जवाहर कला केन्द्र और संस्कार भारती, जयपुर प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में भरतमुनि स्मृति दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नाट्यशास्त्रीय अवधारणा पर केन्द्रित व्याख्यान-प्रदर्शन और संस्कृत नाट्यकार भास रचित नाटक कर्णभारम का हिन्दी में मंचन किया गया।
भारत रत्न भार्गव, सुश्री प्रेरणा श्रीमाली, डॉ. मोहन नायक एवं उनके शिष्य कला केन्द्र के कृष्णायन स्थल पर आयोजित व्याख्यान प्रदर्शन में रहें।
शाम को छह बजे रंगायन रंगमंच पर नाटक का सफल मंचन हुआ।
जयपुर में दिल्ली के भाई भूमिकेश्वर के छाऊ विधा के साथ निर्देशन में इस नाटक का मंचन हुआ, जिसमें गगन मिश्रा द्वारा प्रकाश परिकल्पना और संचालन किया गया।
2015 में थाईलैंड में अंतराष्ट्रीय संस्कृत गोष्ठी में देश के प्रतिष्ठित विभिन्न पुरस्कारों से सुशोभित छाऊ के गुरु शशधर आचार्य जी के निर्देशन में भास लिखित इस संस्कृत नाटक ” कर्ण भारम” का संस्कृत में ही मंचन उसी संस्कृत गोष्ठी के कार्यक्रम में बनारस के ज्ञान प्रवाह की टीम के साथ थाईलैंड में मंचन हुआ था, आदरणीय शशधर आचार्य ने गगन मिश्रा को प्रकाश परिकल्पना के लिए बुलाया बनारस के ज्ञान प्रवाह संस्थान में बुलाया और 7 दिनों तक इसकी रिहर्सल देखी , शशधर के साथ भी बहुत विचार विमर्श होने के बाद थाईलैंड में जाकर इसका संस्कृत में प्रदर्शन करना बहुत ही अद्भुत रहा, बहुत कुछ explore किया था , प्रकाश के बिंबों से ओतप्रोत इस नाटक में लाइट डिजाइन और संचालन करना गगन मिश्रा के लिए कह सकते है कि अपने काम को एंजॉय करना एवं सीखना रहा
थाईलैंड में संस्कृत भाषा में और जयपुर में हिंदी भाषा में इस महत्वपूर्ण नाटक की प्रकाश परिकल्पना और संचालन करना बहुत यादगार रहा और अपने गुरुओं के आशीर्वाद से दिली इच्छा है कि आगे इसके अंग्रेजी भाषा के साथ साथ देश और विश्व के अन्य भाषाओं में भी इस नाटक का मंचन होगें, और उसकी लाइट्स भी गगन मिश्रा ही करेंगे।
गगन जी को बहुत बहुत बधाई और अग्रिम शुभकामनाएं.