राजेश कुमावत, indireporter.com
जयपुर, 15 सितम्बर। विधानसभा में वीडियो रिकॉर्डिंग से पीड़ित कांग्रेस विधायक शिमला नायक एवं गीता बरवड़ द्वारा आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर प्रेसवार्ता में सुनाई आपबीती
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों के बैठने वाले स्थान पर जहॉं महिला विधायक बैठती हैं, वीडियो कैमरे लगाकर निगरानी करना ना सिर्फ विधानसभा के नियमों के विपरीत है, बल्कि विधायिका परम्पराओं का भी उल्लंघन है।
विधानसभा में कैमरे और माईक विधायकों के सम्बोधन के समय आवाज और उनकी वीडियो को आम जनता के समक्ष लाइव दिखाने तथा विधानसभा के रिकॉर्ड के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, किन्तु विधानसभा परिसर में जहॉं विपक्ष कांग्रेस से जीत कर आई महिला विधायक बैठती हैं, वहॉं इस प्रकार के वीडियो कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे उस स्थान पर आपसी बातचीत को भी उन कैमरों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा सकता है और देखा जा सकता है, किन्तु इन कैमरों से सार्वजनिक प्रसारण नहीं किया जाता है।
इन कैमरों का एक्सेस केवल विधानसभा अध्यक्ष के पास है तथा विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के पश्चात भी इन कैमरों के माध्यम से वहॉं मौजूद विपक्षी दल कांग्रेस की महिला विधायकों की समस्त गतिविधियों एवं उनकी बातचीत रिकॉर्ड कर सुनी जाती है जो कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने आराम कक्ष में रिकॉर्डिंग के माध्यम से महिला विधायकों पर नजर रखी जाती है। यह समस्त महिला विधायकों की निजता का उल्लंघन है। ऐसी समस्त रिकॉर्डिंग एवं निगरानी न सिर्फ कानूनी रूप से गलत है बल्कि जब सदन नहीं चल रहा हो तो इन कैमरों के माध्यम से ली गई समस्त जानकारी महिला विधायकों के निजता के अधिकार पर एक प्रहार है।
महिला विधायकों की निजता का उल्लंघन, गरिमा और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए लगाए गए इन जासूसी कैमरों की शिकायत कांग्रेस पार्टी की समस्त महिला विधायकों ने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से की थी तथा महिलाओं की निजता के अधिकार क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से नजर रखने के इस कृत्य को रोकने हेतु कार्यवाही करने की मांग की थी।