महेंद्र भोमिया वरिष्ठ पत्रकार
जयपुर। वैश्विक सुख-शांति और प्रगति के लिए, विश्व में एकता, समता, ममता का वातावरण निर्मित करने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार ने बुद्ध पूर्णिमा को यज्ञ दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर देश-विदेश में लाखों घरों में एक साथ गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ किया गया। लोगों ने यूट्यूब और जूम ऐप के माध्यम से भी यज्ञ किया। पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्र नव निर्माण, देश में सुख-शांति-समृद्धि के लिए एक साथ एक समय में घर-घर हुए गायत्री महायज्ञ में सुबह 7.30 बजे से 8.30 बजे तक गायत्री परिवार के सदस्य अलग-अलग घरों में गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया, ओर तरु प्रसाद के रूप में पौधे वितरित किये। लोगों को रक्तदान-अंगदान का संकल्प कराया गया । गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित पुस्तकें निशुल्क भेंट की की गई।
जयपुर जिले में 11 हजार घरों में गायत्री महायज्ञ संपूर्ण करवाया गया , वहीं पूरे प्रदेश में एक लाख और देशभर में 24 लाख स्थानों पर यज्ञ कार्यक्रम हुए। गायत्री प्रज्ञा पीठों से जुड़े सक्रिय परिजनों ने घर घर जाकर विधि-विधान से यज्ञ संपन्न कराया। नए परिवारों में घर-घर यज्ञ कराने पर गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका और गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़,
किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र, प्रताप नगर, वैशाली नगर, सांगानेर, मुरलीपुरा, गांधीनगर के गायत्री चेतना केंद्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की।
चेतना केंद्र दुर्गापुरा से जयपुर उप जोन समन्वयक सुशील शर्मा ने यज्ञ का संचालन किया। इसमें करीब 54 क्विंटल और हवन सामग्री का उपयोग हुआ। जयपुर उप जोन के सभी शक्तिपीठ और प्रज्ञा पीठ में बड़े स्तर पर हवन हुआ।
शांतिकुंज हरिद्वार से गायत्री परिवार राजस्थान के नव नियुक्त प्रभारी गौरी शंकर सैनी ने यज्ञ के बाद गायत्री परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सर्वाधिक आवश्यकता आत्मीयता विस्तार की है। इसलिए लोगों से मिलते-जुलते रहे। सामने वाले व्यक्ति की अच्छाई और गुण को अपने चिंतन, चरित्र व्यवहार में शामिल करते रहेंगे तो हम मानव से महामानव बन जाएंगे। राजस्थान महिला प्रभारी शालिनी वैष्णव ने महात्मा बुद्ध के शिष्यों ने अनेक कठिनाइयों सेजूझते हुए बौद्ध धर्म का प्रचार किया था। आज एक बार विचार क्रांति अभियान को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। राजस्थान जोन समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने अहंकार को गला कर सभी को साथ लेकर चलने का आह्वान किया। साधना आंदोलन से जुड़ी रेखा पटवा, ब्रह्मपुरी शक्तिपीठ से सोहनलाल शर्मा,कालवाड़ शक्तिपीठ से धर्म सिंह राजावत, करधनी से कुसुमलता सिंघल, मुरलीपुरा से प्रहलाद शर्मा, मानसरोवर से गिरधर गोपाल आसोपा, जे एन मीना ने भी विचार व्यक्त किए।