Yogendar sharma, indireporter. Com
राजस्थान में बुलेट ट्रेन का ट्रायल ट्रैक, देश में पहला:
मिट्टी में दबी थी अंग्रेजों की बनाई लाइन, सैटेलाइट से खोजकर बिछाया नेटवर्क
राजस्थान में देश का पहला बुलेट ट्रेन ट्रायल ट्रैक बनकर लगभग तैयार हो चुका है। पहले फेज का काम सितंबर में पूरा होने के बाद 230 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से बुलेट ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा।
करीब 60 किलोमीटर लंबा यह रेलवे ट्रैक सांभर झील के बीच से निकाला गया है। यह वही ट्रैक है, जहां अंग्रेजों ने जयपुर-जोधपुर के लिए लाइन बिछाई थी, लेकिन 50 साल से यह लाइन मिट्टी में दब चुकी थी। रेलवे ने सैटेलाइट की मदद से इसे ढूंढा और नया नेटवर्क तैयार किया।
देश का पहला डेडिकेटेड ट्रैक होगा जहां पड़ोसी देश भी अपनी ट्रेनों के ट्रायल करवा सकेंगे। भविष्य में इस ट्रैक पर हाईस्पीड, सेमी-स्पीड सहित मेट्रो ट्रेन का ट्रायल भी हो सकेगा।
यह ट्रैक जयपुर से करीब 93 किलोमीटर दूर सांभर लेक के दूसरे छोर गुढ़ा से शुरू होकर मीठड़ी तक जाता है। नमक की क्यारियों के बीचों-बीच करीब 60 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का नेटवर्क बिछाया जा चुका है।
इसके लिए चार स्टेशन बनाए गए हैं गुढ़ा, जाबड़ी नगर, नावां और मीठड़ी। इसमें मुख्य स्टेशन नावां सिटी रहेगा। इस ट्रैक में 125 अंडर और ओवर ब्रिज बनाए गए हैं।
सांभर साल्ट लेक एरिया को ट्रायल ट्रैक के लिए इसलिए चुना गया, यहां रेलवे की अपनी 50 किलोमीटर की जमीन थी। जमीन अधिग्रहण में लंबी कानूनी प्रक्रिया से वक्त भी खराब हो रहा था। ऐसे में रेलवे ने अपनी ही जमीन का इस्तेमाल कर यहां प्रोजेक्ट तैयार किया। पूरे ट्रैक पर करीब 137 अंडर पास और छोटे-बड़े ब्रि
आजादी से पहले जयपुर से जोधपुर के बीच ट्रेन का यही रूट था। इस ट्रैक के जरिए अंग्रेज नमक का व्यापार करते थे। आजादी के बाद 70 के दशक में रेलवे ने जोधपुर के लिए अलग रूट बना दिया था। वहीं, पुराना ट्रैक पिछले 50 सालों में जमीन में दब गया था। अंग्रेजों के समय बनाए रेलवे कार्यालय भी मिट्टी में दब गए थे। इमेज गूगल मैप से ली गई है। नीले और लाल रंग की लाइन के अनुसार इस ट्रैक को तैयार किया गया है।
राजस्थान में बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर सर्वे भी हो चुका है। दिल्ली से अहमदाबाद तक चलने वाली इस ट्रेन के 9 स्टेशन राजस्थान में होंगे। 875 किलोमीटर लंबे ट्रैक में से करीब 657 किलोमीटर का ट्रैक 7 जिलों अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर से गुजरेगा। इससे पर्यटकों को भी फायदा होगा