राजेश कुमावत, indireporter.com
AAP आप पार्टी अपने गढ़ दिल्ली में हारी
अब आप पार्टी की झाड़ू खुलेगी, बनेगी कचरा पार्टी
अधिकांश नेता पार्टी छोड़ भागेंगे, शेष पार्टी की मुखिया होगी अतिशी,
केजरीवाल, सिसोदिया की लीडरशिप को चुनौती, फिर जेल जाना पड़ सकता है
आम आदमी पार्टी का जहां जन्म हुआ, जहां लगातार 2 विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज की, वो ‘दिल्ली का किला’ ढह गया। ताजा रुझानों और नतीजों के मुताबिक दिल्ली में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। दिल्ली हारने से अरविंद केजरीवाल की पार्टी झाड़ू के तिनके की तरह बिखर जाएगी।
आम आदमी पार्टी का जन्म दिल्ली से हुआ, हेडक्वार्टर भी दिल्ली में है। केजरीवाल ने 2013 में 28 सीटों के साथ दिल्ली की राजनीति शुरू की थी। इसके बाद 2015 में आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं और 2020 में सीटों की संख्या 62 रही।
28 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल ने पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आप पार्टी एक आंदोलन से निकली हुई पार्टी है। अब दिल्ली में हार होने से पार्टी बिखर जाएगी। सत्ता से बाहर हो जाने पर सत्ता लोभी वर्ग पार्टी को छोड़ जाएगा।
चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज 10 मौजूदा विधायकों ने आप छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की है। जो नेता दूसरी पार्टियों से आए थे वो भी अपनी मूल पार्टी में लौट जाएंगे, बचे नेता दो या तीन धड़े भी पार्टी में बन सकते हैं।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मॉडल का प्रचार करके पंजाब का विधानसभा चुनाव जीता था। वहीं गुजरात में कई जगह पर नंबर दो पार्टी के रूप में पहचान बनाई थी। दिल्ली में आप हारी तो दो साल बाद पंजाब और गुजरात में होने वाले चुनाव में भी पार्टी को नुकसान हो सकता है।
अन्ना आंदोलन से लेकर आम आदमी पार्टी बनने तक अरविंद केजरीवाल केंद्र में रहे हैं। पार्टी में उनकी ही चली है। जिस किसी ने केजरीवाल का विरोध किया या चुनौती दी, उसे पार्टी से बाहर होना पड़ा है। चाहे वो योगेंद्र यादव हों, प्रशांत भूषण हों या कुमार विश्वास। इस चुनाव में हार का ठीकरा केजरीवाल के सिर ही फूटेगा।
जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को इस्तीफा देते हुए कहा था, कि मैं सीएम की कुर्सी पर तब तक नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना निर्णय न सुना दे। अगर मैं बेईमान हूं तो मुझे वोट मत देना।
बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी या कम्युनिस्ट पार्टी की तरह आम आदमी पार्टी की कोई एक विचारधारा नहीं है। उसका गठन सत्ता के लिए हुआ था। पार्टी को एकजुट रहने के लिए सत्ता में रहना जरूरी है।
आप जिस तरह की राजनीति करती है, उससे बीजेपी असहज महसूस करती है। ऐसे में उसे खत्म करने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया। चाहे उसके नेताओं को जेल भेजना हो या पार्टी में भगदड़ मचा देना।
13 सितंबर 2024 को तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने कहा था, ‘बीजेपी को लगा कि मुझे जेल में डालकर मेरा हौंसला तोड़ देंगे। आज मैं जेल से बाहर आ गया हूं और मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। जेल की सलाखें केजरीवाल के हौंसले को कम नहीं कर सकतीं।’
लेकिन चुनावी नतीजों ने बाजी पलट दी। दिल्ली में बीजेपी की जीत केजरीवाल के लिए किसी झटके से कम नहीं। मोदी बनाम केजरीवाल का नैरेटिव लगभग टूट चुका है। बीजेपी ने केजरीवाल को दुबारा जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी।
एंटी करप्शन ब्यूरो ACB की टीम केजरीवाल, संजय सिंह और मुकेश अहलावत के घर जांच के लिए पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक केजरीवाल के घर में जांच की, लीगल नोटिस दिया और रवाना हो गई।
शराब नीति घोटाले में जो केस हुए हैं, वो चलते रहेंगे। 31 जनवरी को दिल्ली के द्वारका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कि चुनाव के बाद आप के भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार होगा। अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय जांच एजेंसियां आप नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं, क्योंकि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन सहित कई नेता घोटाले के आरोपी हैं।
आप पार्टी दिल्ली चुनाव हारने के बाद सबसे पहले अपने दूसरे गढ़ पंजाब को बचाने में जुट जाएगी। दिल्ली हारने से पंजाब के आप नेताओं का मोरल डाउन होगा। भले ही वहां बीजेपी की दो सीट हैं, लेकिन इतिहास बताता है कि बीजेपी 2 को 20 में बदल सकती है। पहले भी उसने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ऐसा किया है।
केजरीवाल की लीडरशिप में पार्टी चुनाव हारी है तो हो सकता है कि पार्टी का संयोजक बदला जाए। हो सकता है कि केजरीवाल की मर्जी से आतिशी या गोपाल राय जैसे काम करने वाले नेता या संजय सिंह या सौरभ भारद्वाज जैसे मुखर नेता को संयोजक बनाया जाए।
पंजाब के बाद आप लीडरशिप के सामने गुजरात में भरोसा जमाए रखना बड़ा चैलेंज होगा। वहां पार्टी बढ़ रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में आप को 5 सीटें मिली थीं। वह 35 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी
दिलबर गोठी कहते हैं कि शराब नीति घोटाले में जो केस हुए हैं, वो चलते रहेंगे। 31 जनवरी को दिल्ली के द्वारका में मोदी ने कहा था कि कि चुनाव के बाद आप के भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार होगा। अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय जांच एजेंसियां आप नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं, क्योंकि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन सहित कई नेता घोटाले के आरो
लेखक भाजपा माइंडेड है, आप पार्टी पर खीज उतार रहा है। आप फिर पलट कर आएगी।
हां मैं…… हुं
आपका हो गया सफाई चली गई झाड़ू