महेंद्र भोमिया, Indireporter.com
समर्थ एवं शक्तिशाली भारत हेतु गायत्री परिवार का घर-घर गायत्री महायज्ञ अभियान
जयपुर में बुद्ध पूर्णिमा को एक ही समय पर होगा 11 हजार स्थानों पर गायत्री हवन
जयपुर। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने वाली भारतीय सेना के अदम्य साहस को नमन करने, देश के चारों ओर रक्षा कवच बनाने और समर्थ एवं सबल भारत के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से 12 मई बुद्ध पूर्णिमा को एक साथ एक समय में घर-घर गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
शक्तिपीठों पर हवन सामग्री के किट बनाकर वितरित किए जा रहे हैं, बुधवार को प्रथम पूज्य गणेशजी को निमंत्रण दिया गया।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में पोस्टर का विमोचन किया गया। मंदिरों के बाहर आयोजन की प्रचार सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत पूरे देश में 24 लाख घरों में यज्ञ करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान में एक लाख और जयपुर में 11 हजार घरों में हवन करवाने का लक्ष्य है।
राष्ट्र पर मंडराए संकटों के निवारण, सभी की सुख-शांति-समृद्धि और पर्यावरण संवद्र्धन के लिए हो रहे इस महा प्रयोग में अनेक संस्थाएं सहभागी होंगी। गायत्री परिवार के सदस्य घरों में जाकर गायत्री महायज्ञ संपन्न कराएंगे। बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन यज्ञ करेंगे। लोगों को रक्तदान-अंगदान का संकल्प कराया जाएगा।
गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित पुस्तकें ज्ञान प्रसाद के रूप में निशुल्क भेंट की जाएंगी।
गायत्री परिवार के सभी शक्तिपीठ, चेतना केन्द्र, प्रज्ञा मंडल, युवा मंडल, महिला मंडल , नव चेतना विस्तार केन्द्र, गायत्री प्रज्ञा पीठों से जुड़े सक्रिय परिजनों को यज्ञ करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आचार्य गण संपूर्ण विधि-विधान से यज्ञ संपन्न कराएंगे।
घरों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, मंदिरों और कॉलोनियां में यज्ञ कराया जाएगा। लोग स्वयं यज्ञ को कर सकेंगे। इसके लिए लिंक भेजा जाएगा। यज्ञ के प्रशिक्षण के लिए यूट्यूब, इंटरनेट, सोशल मीडिया में इसका वीडियो अपलोड किए गए हैं। यज्ञ सामग्री स्थानीय शक्ति पीठ, प्रज्ञा पीठ और प्रज्ञा मंडलों के माध्यम निशुल्क वितरित की जा रही है।
गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि आज समाज बारुद के ढेर पर बैठा है। चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका घात लगाए बैठे हैं। सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। प्राचीन काल में देश पर जब भी कोई संकट आते थे तो आश्रमों के ऋषि-मुनि संकट के निवारण के लिए विशेष अनुष्ठान करते थे। सामूहिक रूप से किए गए अनुष्ठान से एक वातावरण का निर्माण होता है जो नागरिकों के आत्म विश्वास और सैनिकों के शौर्य में वृद्धि करता है।
इस वर्ष भी गायत्री परिवार बुद्ध पूर्णिमा को यज्ञ दिवस के रूप में मनाएगा। इस अवसर पर देश-विदेश में लाखों घरों में एक साथ गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ किया जाएगा।