राजेश कुमावत, indireporter.com
गुर्जर समाज के आराध्य लोकदेवता श्री देवनारायण जी से जुड़े ब्यावर जिले के देवमाली गांव को भारत का ” बेस्ट टूरिस्ट विलेज ” का खिताब दिया गया है।
देवमाली गांव में सारे घर कच्चे बने हुए हैं
घरों में दरवाजे भी नहीं है, और आज तक चोरी भी नहीं हुई!
देवमाली गांव ब्यावर जिले के मसूदा उपखंड से करीब 5 किलोमीटर दूर है, देवमाली गांव गुर्जर बाहुल्य गांव है, गांव में गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में पूरे गांव के लोग बारी से पूजा करते हैं, इस गांव की विशेषता है कि करोड़पति व्यक्ति हो या गरीब उसका घर पूरा कच्चा ही होता है। उसके घर में दरवाजे नहीं होतें है, घी दूध की कोई कमी नहीं है। यहां मूल रूप से कृषि व पशुपालन पर आधारित परिवार निवास करते हैं। देवमाली गांव में आज तक चोरी भी नहीं हुई है। गांव में केरोसिन तेल पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
लोकदेवता श्री देवनारायण जी की छत्रछाया में बसा यह देवमाली गांव अपनी समृद्ध लोक संस्कृति, परंपराओं और अद्वितीय ग्राम्य जीवनशैली के लिए जाना जाता है।
इस गांव की एक खास विशेषता – कच्चे घर है!
पक्के मकान नहीं बनाने को लेकर संकल्पित लोगों ने 21 वी सदी की इस चकाचौंध में भी अपने आवास कच्चे ही रखे हैं !
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसमें ब्यावर के देवमाली गांव ने अपना पहले स्थान बनाया, आगामी 27 नवंबर 2024 को दिल्ली में “बेस्ट टूरिस्ट विलेज” गांव का अवार्ड दिया जाएगा।