इन्डी रिपोर्टर, जयपुर
ट्रेप की सूचना लीक नहीं हो इसलिए विजिलेंस को एक्टिव करना पड़ेगा- डीजी मेहरड़ा
- डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा से एसीबी में ज्वाॅइन करने के के साथ ही इन्डी रिपोर्टर से बातचीत बाद बातचीत
सवाल. प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जाएगा। - जवाब. हमारा मकसद है कि आमजन का किसी भी विभाग में बिना लेनदेन के काम हो। ताकि सरकार का उद्देश्य पूरा हो सके। आमजन बेहिचक शिकायत दर्ज कराए। उस पर एसीबी कार्रवाई करेगी। यह बात डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इन्डी रिपोर्टर को विशेष बातचीत में कही। मेहरड़ा ने शुक्रवार को एसीबी के डीजी पद पर कार्यभार संभाला है। मेहरड़ा ने कहा कि अगर पिछले एक साल में ट्रेप की कार्रवाईयों में गिरावट आई है तो अध्ययन किया जाएगा कि आखिर आंकड़े कम होने के क्या कारण है। कमियों को दूर करके हर परिवादी की शिकायत की जांच की जाएगी और शिकायत सही मिलने पर दोषियों के खिलाफ ट्रेप की कार्रवाई की जाएगी।
सवाल: सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार को रोकना बड़ा चुनौती बन गई है?
जवाब: भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना निश्चित रूप से बड़ी चुनौती है। सरकारी की जो जीरो टॉलरेंस नीति है, उस जीरो टॉलरेंस को प्राप्त करने के लिए बहुत से कार्य करने पड़ेंगे। कई चुनौतियां भी होगी। लेकिन उनको पार करना पड़ेगा। एसीबी के पास जो संसाधन है, उनसे अच्छा काम करके भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए परिणाम सामने लाएंगे।
सवाल: हेल्प लाइन नंबर जारी होने से अच्छे परिणाम आए थे। अब क्या और नए नवाचार किए जाएंगे?
जवाब: बिल्कुल। हेल्प लाइन नंबर के अलावा अन्य बिंदुओं पर अध्ययन किया जाएगा। ताकि भ्रष्टाचार की ज्यादा ज्यादा से शिकायते आए। कई बार सूचनाएं ऐसी भी आती है, जिनका कोई अर्थ नहीं होता है।
सवाल: एसीबी तो आरोपियों के खिलाफ ट्रेप की कार्रवाई कर लेती है, लेकिन अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलती है?
जवाब: एसीबी कार्रवाईयों को अंजाम देती है। लेकिन कितने मामलों में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली और इसके क्या कारण है। अभी तक मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन पेंडिंग अभियोजन स्वीकृति के मामलों को अध्ययन किया जाएगा और फिर संबंधित विभाग के जिम्मेदार अफसरों से चर्चा करके स्वीकृति जारी करने के लिए कहा जाएगा।
सवाल: भ्रष्टाचार के कानून में संसोधन होने के बाद संबंधित विभाग के अफसर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति नहीं देते?
जवाब: भ्रष्टाचार के मामलों में संबंधित विभाग को माइंड अप्लाई करना चाहिए। हम उनको बाध्य नहीं कर सकते एफआईआर की अनुमति देने के लिए। संवाद के दौरान हम समझाने का प्रयास करेंगे कि एफआईआर करना जरूरी है। क्योंकि सरकारी की पॉलिसी है जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने की। अनुमति मिलने पर ही सरकार का उद्देश्य पूरा होगा।
सवाल: पिछले दिनों एक कलेक्टर को एसीबी ट्रेप करने वाली थी, लेकिन सूचना लीक होने पर ट्रेप फेल हो गया
जवाब: इस मामले में अभी कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। क्योंकि ट्रेप की कार्रवाई में क्या कमियां रही और कैसे सूचना लीक हुई, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसी कमियों को दूर करने के लिए इंटरनल विजिलेंस को मजबूत करना जरूरी है। उस पर काम किया जाएगा।