श्याम शर्मा, indireporter. Com
सबकी दुलारी, माताराम ‘राजदुलारी’ जी नहीं रहीं
संसार में सबसे बड़ी राजनेतिक पार्टी बीजेपी माताराम श्रीमती राजदुलारी जी शर्मा जैसी मेहनती और कर्मठ कार्यकर्ताओं की बदौलत ही बड़ी पार्टी बन सकी है।
मुझे इस खबर को बताते हुए बेहद दुःख और अफसोस है कि सबकी दुलारी राजदुलारी अब हमारे बीच नहीं रहीं हैं।आज वे पंच तत्व में विलीन हो गईं।
मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने उस दौर में पार्टी के लिए उनका संघर्ष करीब से देखा जब महिला कार्यकर्ताओं के नाम पर बीजेपी में गिनी चुनी ही महिला कार्यकर्ता ही थीं।देश में कहीं भी बीजेपी का राज़ नहीं था।पार्टी के विस्तार के लिए और आम जन का विश्वास जीतने के लिए हर जिले में मुठ्ठी भर लोग जन संपर्क करते और जन समस्याओं को लेकर सड़क पर उतर कर भूखे प्यासे पुलिस की लाठियां खाते नज़र आते थे।उस दौर में माताराम जैसे इन संघर्षशील नेताओं की मेहनत का परिणाम है कि आज बीजेपी पूरे देश में छाई हुई है। उस दौर में ऐसे नेता कार्यकर्ताओं की बहुत खिल्ली भी उड़ाई जाती थी।खुद के ही परिवारों में इन्हें घर से निकलने के लिए जूझना पड़ता और संघर्ष करना पड़ता था।निर्मल मन और सेवाभावी स्वभाव के कारण राजदुलारी जी बेहद सरल और दयालु थीं।राजनीति में रहकर राजनीति के ऊंचे पदों को भले ही अम्मा छू न सकी पर सेवा,चरित्र और शुचिता की राजनीति में राजदुलारी जी एक कीर्तिमान स्थापित कर गईं।उस ज़माने में राजस्थान के सिंह कहे जाने वाले बाबोसा….
श्री भैरों सिंह शेखावत राजदुलारी जी का बेहद सम्मान करते थे। 80 के दशक में चुनावों के समय राजदुलारी जी को पार्टी अनेक जिलों में प्रचार के लिए भेजती वे बस में सफर करके धौलपुर जिले में भी बीजेपी का प्रचार करने जाती थी। 1989में डीग विधानसभा के उपचुनाव में एक महीने मुझे माताराम राजदुलारी जी के साथ रहने और उनसे बहुत कुछ सीखने का सौभाग्य मिला।मौजूदा समय में पार्टी के वरिष्ठतम नेता और उस ज़माने के युवा तुर्क आज राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी सनातन और पार्टी के लिए समर्पित राजदुलारी जी को भारी इज़्जत तवज्जो देते रहे।बीजेपी के पुराने शीर्ष नेताओ में अम्मा का स्वाभाविक सम्मान था।नए ज़माने की इस पीढ़ी के नेता राजस्थान सरकार में मंत्री संजय शर्मा पर भी अम्मा का भारी आर्शीवाद था।जब मौका मिलता संजय माताराम से मिलने का अवसर नहीं छोड़ते थे।वे आज अपनी दैहिक यात्रा को विश्राम देकर संसार सागर को छोड़ कर तो चली गईं हैं पर उन्होंने अपने जी ते जी सनातन संस्कारों के चलते कभी संस्कारो को पीठ नहीं दिखाई और बीजेपी का भी साथ नहीं छोड़ा।अपने संयुक्त परिवार के साथ किराए के मकानों में ही गुजर बसर करती थी राजनीति के धुरंधर उनके त्याग तपस्या और संस्कारो के सामने नतमस्तक होकर खड़े रहते थे पर उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं मांगा। पूरा जीवन समाज की सेवा में समर्पित करने वाली अम्मा ने जिला लोक अदालत में सदस्य रहते हुए अनेकों परिवारों को पुनः बसाया। माताराम ने मेवात में लव जेहाद में फंसी बेटियों को संभाला पीड़िताओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष किया।अनेकों बार वे पार्षद रहीं। परिषद की उपसभापति भी रहीं पर उन्होंने कभी पद और कद का गुमान नहीं किया।अलवर में नौकरी करके गए अनेक आईएएस और आईपीएस बच्चों की तरह अम्मा से आशीर्वाद लेने जाते भले ही किसी भी पार्टी की सरकार रही हो।बीजेपी के वरिष्ठ नेता पण्डित धर्मवीर शर्मा के साथ बड़ी बहन की तरह राजदुलारी शर्मा राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहीं वे कारसेवा में गईं और जेल यात्रा भी की।राम राम करने से पहले मित्रों आज इतना ही कि अलवर में बाबा भरथरी की इस तपोस्थली पर बड़ी बड़ी हस्तियों ने राष्ट्र और सनातन की सेवा में बड़ा नाम किया है।उन नामों में से एक बड़ा नाम माता राम अम्मा राजदुलारी जी का भी है।दिवंगत पवित्र आत्मा को शान्ति की प्रार्थना के साथ हम सब श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अम्मा की याद और आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
शत शत नमन
राम राम सा।