राजेश कुमावत, indireporter.com
जयपुर। राष्ट्र सेविका समिति , जयपुर विभाग की ओर से शाखा संगम कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यवक्ता राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख संचालिका वी. शान्ता कुमारी उपाख्यान शांता अक्का जी रही, मंचासिन अतिथियों में मुख्य अतिथि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की क्षेत्रीय महाप्रबंधक प्रतिमा गुप्ता एवं विभाग सह कार्यवाहिका सम्पूर्णा देवी जी उपस्थित रही।
जीवन में गहन तथा सघन साधना करने के लिए मूल साधन है, एक घंटे की शाखा के माध्यम से हमारा व्यक्तित्व का निर्माण होता है, हमारी गणवेश हमारी अपनी पहचान है, यह राष्ट्र सेविका समिति की गणवेश पहनने से हम सबके मन मे एक भावना आती है हम सेविका है। सेविका शब्द मन में आने से हमारे मन में विचार आता है मैं एक भारत मां की पुत्री हूॅ , जिसका श्रेष्ठ इतिहास,परम्परा और संस्कृति है। इसलिए मैं एक हिन्दू हॅू , जिसे पूरे विश्व में सम्मान मिल रहा है।
उन्होंने राष्ट्र सेविका समिति की सेविका होने के नाते क्या गुण होने चाहिए इसे स्पष्ट करते हुए कहा सभी से मित्रवत भाव रखते हुए,अपनी क्षमता और बुद्धि से आनंद एवं दृडता पूर्वक कार्य करना सेविका का लक्ष्य होना चाहिए।
घर, समाज और राष्ट्र को चलाना है तो बुद्धि, धन और बाहुबल तीनों शक्ति की जरूरत होती है। यदि यह तीनों अच्छे व्यक्ति के हाथ में है तो कार्य को सही दिशा मिलती है और दुष्ट व्यक्ति के हाथ में है तो आतंकवाद बढता हैं, महिलाओं पर अत्याचार होता है, समाज में अस्थिरता देखने को मिलती है। इसलिए योग्य गुणों से युक्त व्यक्तित्व निर्माण अपनी राष्ट्र सेविका समिति शाखा का उददेश्य होना च
राष्ट्र के प्रति कर्तव्य पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उन्होंने तीन एस का जिक्र किया । उन्होंने कहा सृजन, संस्कार और समानता ही राष्ट्र को उन्नति की ओर ले जा सकता है। सृजन एक अच्छी संतान का निर्माण करना यानि संकल्प लेकर संतान को जनना। दूसरा संस्कार केवल जन्म देने से नहीं अच्छा संस्कार देना और तीसरा समानता निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करना। इस दौरान उन्होंने कहा राजस्थान का नाम लेते ही वीरागंनाओं का स्मरण होता है। देश राष्ट्र समाज के लिए राजस्थान का विशेष योगदान रहा है।
राष्ट्र सेविका समिति के शाखा संगम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रही प्रमिला गुप्ता ने कहा सेविका समिति का कार्यक्रम सराहनीय है उन्होंने परिवार के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने की प्रेरणा देते हुए कहा हमें स्वाभिमान के साथ जरूरत पर दुर्गा तो पार्वती जैसी सौम्यता भी रखनी चाहिए।
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ की गई। स्थानीय राजस्थान विश्वविद्यालय खेल मैदान में जयपुर विभाग की 12 शाखा लगाई गई। प्रत्येक शाखा में एक घंटे की शाखा के कार्यक्रम संचालित किए गए। घ्वज लगाने के साथ ही खेल, योग, व्यायाम एवं बौद्धिक कहानी सुनाई गई। अंत में राष्ट्र सेविका समिति की प्रार्थना के साथ घ्वज प्रणाम कर विधिवत कार्यक्रम समापन हुआ।