शिव वर्मा, indireporter.com
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 11 फुट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति रहे उपस्थित।
जोधपुर, अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल इतिहास का एक ऐसा पृष्ठ हैं जिनके साथ इतिहास और देश दोनों ने न्याय नहीं किया, सरदार पटेल जैसे महान व्यक्ति के गुणों, बलिदान, कर्मठता और दूरदर्शिता का सुफल आज देश को मिल रहा है, लेकिन पहले उन्हें उचित स्थान और सम्मान नहीं मिला, दशकों तक एक ही परिवार की भक्ति में रची-बसी पार्टी ने कभी सरदार पटेल का स्मारक तक नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊंची स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर सरदार पटेल को सम्मानित करने का काम किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के गुणों और योगदान को भारत कभी नहीं भुला सकता। सरदार पटेल ने नाम और प्रसिद्धि की कभी चिंता नहीं की और देश को विपदाओं से मुक्ति दिलाने का काम किया, सरदार साहब न होते तो 556 रियासतें एक न होतीं और आज भारत का जो नक्शा हम देखते हैं।
अमित शाह ने कहा कि 1100 किलोग्राम और 11 फुट ऊंची सरदार पटेल की अष्टधातु से निर्मित है, इसकी सुगंध युगों-युगों तक फैलेगी। सरदार साहब ही थे जिन्होंने महाराजा जोधपुर को समझाकर जोधपुर रियासत का भारत में विलय करने का काम किया।
विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि स्वाधीन होने के बाद भारत खंड-खंड बिखर जाएगा, लेकिन सरदार साहब के कारण आज भारत गौरव के साथ विश्व के सामने सीना तानकर खड़ा है। भारत पर शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गई है।
सरदार साहब के अल्प जीवनकाल में कई चीज़ें पूरी नहीं हो सकीं। धारा 370, 35ए, यूनिफॉर्म सिविल कोड, अयोध्या मे भव्य राम मंदिर मंदिर, ट्रिपल तलाक को समाप्त करना, देश की सेना और सीमा के सम्मान की रक्षा करने की परंपरा जैसे काम जो सरदार साहब के अल्प कालखंड में छूट गवो सारे काम देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मात्र 10 साल में ही समाप्त कर दिए।
सरदार साहब देश में कॉमन सिविल कोड के पक्ष में थे और आज मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड से यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का काम शुरू हुआ है और ट्रिपल तलाक भी समाप्त हो गया है। मोदी के ही भव्य कार्यकाल में अयोध्या राम मंदिर बनने का असंभव कार्य पूरा हुआ
सरदार साहब को भारत रत्न भी मिला है और दुनिया का सबसे ऊंचा स्मारक भी आज सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से है।