राजेश कुमावत, indireporter.com
गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने गुरु शंकर लाल शर्मा के चरण छूकर मंच पर ही लिया आशीर्वाद
जयपुर, 5 सितंबर। शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं, वे नव पीढ़ी में चरित्र-निर्माण की मजबूत नींव डाल कर सक्षम नागरिक रूपी भवन का निर्माण कर रहे हैं। उनकी शिक्षा-ज्ञान से ही मनुष्य विचारशील और करुणा व सहानुभूति के भाव से समृद्ध होता है और एक प्रगतिशील व समावेशी समाज बनाता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरूवार को बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुये कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सर्वापरि रहा है। शिक्षक प्रतिबद्धता और परिश्रम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं और समर्पण एवं निष्ठा से विद्यार्थियों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं। इसलिए विद्यालय केवल अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से नहीं बल्कि शिक्षकों के अमूल्य ज्ञान से बनता है।
शिक्षक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उनके असाधारण व्यक्तित्व एवं शिक्षा में उनके अमूल्य योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है। गुरु-शिष्य संबंध की समृद्ध परंपरा को पुनर्जीवित करने के क्रम में राज्य सरकार विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कुलगुरु की पदवी से नवाजे जाने की परंपरा शुरू करने जा रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने शिक्षक शंकरलाल शर्मा को देखकर भावुक हो गए। वे मंच से उतरे, गुरु के चरण स्पर्श किए, उन्हें अपने अपने निकट बैठाया एवं स्मृति चिन्ह बैठकर उनका अभिनंदन किया और मंच पर ही चरण छूकर फिर से दोबारा आशीर्वाद लिया, यह देख शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी शिक्षक शंकर लाल के चरण छूकर आशीर्वाद लिया। शिक्षक सम्मान समारोह का माहौल श्रद्धामय एवं भावुक हो गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में परंपरागत शिक्षण पद्धतियों के साथ-साथ नवाचारों के लिये भी राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में स्कूलों, कॉलेजों में स्टेट स्किल पॉलिसी, अटल एन्टरप्रन्योरशिप प्रोग्राम, अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलरेटर, लर्न, अर्न एण्ड प्रोग्रेस (लीप) प्रोग्राम, डिजिटल प्रवेशोत्सव इत्यादि के माध्यम से लाखों विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षक अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा प्रतिभाशाली हैं। उनमें प्रदेश के शिक्षा के ढांचे को और उन्नत करने की क्षमता है। शिक्षकों के योगदान से प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में शीघ्र ही सिरमौर बनेगा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जहां भी आवश्यकता होगी वहां विद्यालयों का क्रमोन्नयन होगा और नए विषय भी प्रारंभ होंगे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रदेशभर में शिक्षकों द्वारा बेहतरीन काम किया जा रहा है। इस शैक्षिक वर्ष में विद्यार्थियों के अच्छे परीक्षा परिणाम भी आए हैं।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत प्रदेशभर में 7 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य के क्रम में शिक्षा विभाग ने अकेले ही 2 करोड़ 50 लाख का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
समारोह में मुख्यमंत्री ने 11 मेधावी विद्यार्थियों को निःशुल्क टैबलेट वितरित किए और शिक्षक सम्मान पुस्तिका एवं शिविरा का विमोचन भी किया। साथ ही, प्रदेशभर में 55 हजार 800 विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए गए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा शाला स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।